खाद्य वस्तुओं की कीमतें घटने से नवंबर में थोक महंगाई 4.64% रही, पिछले 3 महीने में सबसे कम

नवंबर में थोक महंगाई दर घटकर 4.64% रह गई। यह पिछले 3 महीने में सबसे कम है। इससे पहले अगस्त में यह दर 4.53% थी। अक्टूबर में थोक महंगाई दर 5.28% रही थी।

नवंबर में सब्जियां 27% सस्ती हुईं
सब्जियों और खाने-पीने की दूसरी वस्तुओं की कीमतों में गिरावट की वजह से नवंबर में थोक महंगाई दर में कमी आई। नवंबर में खाद्य वस्तुएं 3.31% सस्ती हुईं। अक्टूबर में 1.49% सस्ती हुई थीं

सब्जियों की थोक कीमतों में नवंबर में 26.98% कमी आई। अक्टूबर में सब्जियां 18.65% सस्ती हुई थीं। उधर, फ्यूल एंड पावर बास्केट की कीमत में 16.28% का इजाफा हुआ। अक्टूबर में इसमें 18.44% की बढ़ोतरी हुई थी।

आलू की कीमतों में पिछले महीने 86.45% की बढ़ोतरी हुई। जबकि, प्याज 47.60% और दालें 5.42 सस्ती हुईं। अक्टूबर में आलू 93.65% महंगा हुआ था। जबकि, प्याज की कीमतें 31.69% कम हुई थीं।

थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) थोक महंगाई का इंडेक्स है। डब्ल्यूपीआई में शामिल वस्तुएं अलग-अलग वर्गों में बांटी जाती हैं। थोक बाजार में इन वस्तुओं के समूह की कीमतों में हर बढ़ोतरी का आंकलन थोक मूल्य सूचकांक के जरिए होता है।

नवंबर में खुदरा महंगाई दर 2.33% रही
उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) खुदरा (रिटेल) महंगाई का इंडेक्स है। रिटेल महंगाई वह दर है, जो जनता को सीधे तौर पर प्रभावित करती है। यह खुदरा कीमतों के आधार पर तय की जाती है। आरबीआई ब्याद दरें तक करते वक्त इसे ध्यान में रखता है। नवंबर में रिटेल महंगाई दर 17 महीने में सबसे कम 2.33% दर्ज की गई। सरकार ने बुधवार को इसके आंकड़े जारी किए थे।

एरिक्सन ने साल 2014 में आरकॉम का टेलीकॉम नेटवर्क संभालने के लिए 7 साल की डील की थी। इस बीच एरिक्सन ने दावा किया कि आरकॉम ने उसके बकाया 1,500 करोड़ रुपए का भुगतान नहीं किया। एरिक्सन ने आरकॉम के खिलाफ एनसीएलटी में याचिका दायर की थी।

दोनों कंपनियों के बीच हुए सेटलमेंट के तहत एनसीएलटी ने 30 मई को अंतरिम आदेश जारी किए कि आरकॉम 4 महीने में 550 करोड़ रुपए का भुगतान करे।

आरकॉम पर 46,000 करोड़ रुपए का कर्ज
आरकॉम टेलीकॉम बिजनेस से पूरी तरह बाहर हो चुकी है। रिलायंस कम्युनिकेशंस ने साल 2002 में महज 500 रुपए में मोबाइल फोन लॉन्च किया था। साल 2010 तक टेलीकॉम इंडस्ट्री में आरकॉम का मार्केट शेयर 17% फीसदी था और वह दूसरी बड़ी कंपनी थी। लेकिन, कर्ज बढ़ने और टेलीकॉम इंडस्ट्री में सस्ते टैरिफ की होड़ बढ़ने से आरकॉम पिछड़ती गई। आरकॉम पर 46,000 करोड़ रुपए का कर्ज है।

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